भोपाल / क्राइम ब्रांच भोपाल मे पदस्थ हैडकांस्टेबल महेन्द्र को लोकायुक्त पुलिस की टीम ने 6000 रुपये की रिश्वत लेते हुए चिनार पार्क से उस समय गिरफ्तार कर लिया जब हेडकांस्टेबल महेन्द्र एक बदमाश को झूठे केस में फसाने की धमकी देकर रिश्वत की मांग कर रहा था।उक्त व्यक्ति द्वारा इस रिश्ववतखोर हेडकांस्टेबल से परेशान होकर इसकी शिकायत लोकायुक्त पुलिस को की गई। आज रात्रि लोकायुक्त पुलिस ने इसे रंगेहाथों रिश्वत लेते हुए धर दबोचा। भोपाल शहर के विभिन्न थाना क्षेत्रों में पदस्थ रहते हुए महैन्द्र इस प्रकार के कई रिश्ववतखोरी के मामलों के लेन देन में लिप्त रहा है। क्राइम ब्रांच मे पदस्थापना से पूर्व महेन्द्र भोपाल के ऐशबाग थाना में पदस्थत रहा है। इस थाना क्षेत्र में पदस्थ रहते हुए इन्होंने पुलिस कर्मचारी के रुप में कम परन्तु एक राजनैतिक पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में डट कर काम किया ।जिसके फलस्वरूप पूरा ऐशबाग थाना क्षेत्र में इन्होंने कई बेगुनाहों की गाड़ी कमाई रिश्वतखोरी के नाम पर अपनी जेब में भरी है।ऐशबाग क्षेत्र के लोगों ने पुलिस महकमे को बदनाम करने वाले इस रिश्वतखोर पुलिस हेडकांस्टेबल महेन्द्र पुलिस विभाग से बरखास्तगी करने एंव इनकी संपत्ति की भी बारीकी से जांच पडताल करनी चाहिए।लोकायुक्त पुलिस को इनके पास आय से अधिक अर्जित अकूत सम्पत्ति प्राप्त होगी जिसे राजसात किया जाना चाहिए। देश मे सबसे ईमानदार छवि के रुप में जाने वाली म.प्र.पुलिस को ऐसे भ्रष्ट रिश्रवतखोर कर्मचारी के विरुद्ध कडी दंडात्मक कार्यवाही करते हुए बर्खास्त करना चाहिए।जिससे की म.प्र. पुलिस की छवि ऐसे कर्मचारी के कारण धूमिल नहीं हो। और मध्य प्रदेश की कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के प्रति एंव म.प्र. पुलिस के प्रति दृण विस्वास पैदा हो।कि पुलिस हमारी रक्षक है और कमलनाथ सरकार हर जन की संरक्षक है।
क्राइम ब्रांच का रिश्वतखोर हेडकांस्टेबल महेन्द्र चढा लोकायुक्त पुलिस के हत्थे , हुआ गिरफ्तार